ICC T20 World Cup 2022 : टी20 वर्ल्ड कप में बुधवार (2 November) को भारत ने बांग्लादेश को 5 रनों से हराया। इस मैच में भी विराट कोहली ने अच्छी पारी खेली लेकिन उनकी एक गलती के कारण भारतीय टीम ये मैच हार भी सकती थी। दरअसल बांग्लदेश के नुरुल हसन ने विराट पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने मैच में फेक फील्डिंग (Fake Fielding) की है। इस घटना से जुड़ी एक वीडियो भी काफी वायरल हो रहा है। इस वीडियो में विराट हाथ में बिना गेंद के ही थ्रो करने की एक्टिंग करते नज़र आ रहे हैं। इस वीडियो के वायरल होने के बाद काफी बवाल मच गया। ये पूरा वाक़या 7वें ओवर का है।
क्या होती है फेक फील्डिंग (Fake Fielding) ?
क्रिकेट कानून 41.5 के अनुसार कोई भी फील्डर जानबूझकर, किसी शब्द या क्रिया से किसी भी बल्लेबाज को विचलित करने, धोखा देने या बाधित करने का प्रयास करता है तो यह अनुचित है। फील्ड पर मौजूद किसी एक अंपायर को यह तय करना होता है कि कोई फील्डर ने यह जानबूझकर किया है या नहीं। अगर फील्डर दोषी पाया जाता है तो 41.5.3 नियम के अनुसार अंपायर तुरंत गेंद को डेड घोषित करने का सिग्नल करेगा। इस नियम को लागू करने के पीछे यह कारण है की फील्डर, बल्लेबाजों को धोखा देने और उन्हें अतिरिक्त रन बनाने से रोकने के लिए जानबूझकर गेंद अपने पास होने का नाटक करते थे।
क्या होती है फेक फील्डिंग (Fake Fielding) की सजा ?
नियम के अनुसार फेक फील्डिंग के लिए गेंदबाज़ी कर रही टीम को सजा मिलती है। इसके अनुसार गेंदबाजी एंड के अंपायर को बैटिंग टीम को पेनल्टी के रूप में 5 रन देने की घोषणा करनी होती है। इसके अलावा उस गेंद पर बने रन भी बल्लेबाजी टीम को मिलते है। साथ ही बल्लेबाज को यह चुनने का मौका मिलता है कि अगली गेंद किसे खेलनी है।
कब आया फेक फील्डिंग (Fake Fielding) नियम ?
बता दे की साल 2017 में ICC ने फेक फील्डिंग का नियम लाया था। MCC (Marylebone Cricket Club) के कानून प्रबंधक फ्रेजर स्टीवर्ट ने इस नियम के लाने के पीछे का कारण बताया था। बता दे की फेक फील्डिंग की वजह से बैट्समैन के चोटिल होने का खतरा भी होता था।
अगर फील्ड पर मौजूद अंपायर द्वारा विराट कोहली की फेक फील्डिंग मिस नहीं होती तो ऐसा हो सकता था की बांग्लादेश की टीम को 5 रनो की पेनल्टी मिल जाती और वो ये मैच जीत जाती।