भारतीय न्याय संहिता के तहत केंद्र ने पिछले साल एक नया हिट एंड रन क़ानून लागू किया था। इस प्रकार की दुर्घटनाओं से संबंधित एक विशेष कानून के अनुसार, एक चालक को 10 साल तक की जेल और 7 लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है यदि वह पुलिस को सूचित किए बिना घटना स्थल से बाहर निकलता है। निजी कार मालिक भी नए नियमों के अधीन हैं। नए विनियमन का विरोध करने वाले ट्रक ड्राइवरों का दावा है कि इसके प्रतिबंधों में ढील दी जानी चाहिए क्योंकि वे बहुत कठोर हैं।
केंद्र के अनुसार, भारत में लगभग 50,000 लोग हिट-एंड-रन घटनाओं में अपनी जान गंवाते हैं। इन स्थितियों में बिना मदद वाले पीड़ितों का अक्सर निधन हो जाता है। राज्य के पुलिस विभाग अच्छे लोगों से आग्रह कर रहे हैं कि वे इस तरह की घटनाओं की रिपोर्ट करें, जिन्होंने पीड़ितों के जीवित रहने में मदद की है। पुलिस को सूचित करने से घायल व्यक्तियों को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया जा सकता है।
यह अनुमान लगाया गया है कि नया नियम, इसकी कड़ी आवश्यकताओं के साथ, हिट एंड रन घटनाओं में शामिल व्यक्तियों के लिए एक निवारक के रूप में काम करेगा। परन्तु, ट्रक चालकों का कहना ये है की अगर वो हादसे के बाद वहां रुक जाते हैं तो वहां जमा हुए लोग उन्हें मार डालेंगे। धरना सिर्फ ट्रक चालकों का ही नहीं था बल्कि रिक्शा, मोटर बाइक वालों का भी था।
इस दो दिन से पुरे भारत में वाहन चालकों का धरना चल रहा है जिसके कारण पेट्रोल, डीज़ल ,सब्जियां सभी की मात्रा में कमी होने लगी है क्योकिं लोग धरने की खबर से तहस में आकर लम्बी लाइनों में लग गए हैं और ज़्यादा से ज़्यादा सब्जियां खरीद रहे हैं, यही हाल कानपूर, लखनऊ, दिल्ली या मुंबई के पेट्रोल पंप का भी है।
केंद्र सरकार द्वारा यह वादा किए जाने के दो दिन बाद कि यूनियन नेताओं के साथ अधिक बातचीत के बाद तक हिट-एंड-रन घटनाओं के लिए नए नियम लागू नहीं किए जाएंगे, ट्रक ड्राइवरों का प्रदर्शन वापस ले लिया गया। मंगलवार को दूसरे दिन देश भर में पेट्रोल और डीजल की आपूर्ति प्रभावित हुई है।