छत्तीसगढ़ के बक्सर में 10 दिनों के अंतरगत ही 3 नेताओं की मौत हुई। तीनों नेता BJP (Bhartiya Janta Party) से जुड़े हुए थे। जिनकी हत्या का आरोप बीजेपी वहां सत्ता पर बैठी भूपेश बघेल सरकार की पनाह में रह रहे नक्सलियों को ठहरा रही है। इस मुद्दे पर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है।
राज्य के पूर्व सीएम रमन सिंह ने कहा, "चार जिलों में चार वरिष्ठ साथियों की हत्या की गई है। नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बस्तर में अलग-अलग जिलों में हत्या हुई है। नारायणपुर में हमारे उपाध्यक्ष सागर साहू की हत्या होती है। नीलकंठ कक्केम की हत्या होती है, बुधराम कटराम की बस्तर में हत्या होती है। जिस प्रकार से मौजूदा स्तिथि में पता चल रहा रहा है की सिर्फ एक माह में 4 बीजेपी वरिष्ठ साथियों की हत्या हुई हैं, निश्चित है की यह साजिश का हिस्सा है। प्रदेश में हिंसा का दौर शुरू हो गया है। कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाए जा रहे हैं, ऐसे में आरोप से मुक्ती पाने के लिए कांग्रेस अपना पल्ला झाड़ने के लिए NIA को पत्र लिख रही हैं."
भूपेश बघेल ने अपनी सरकार को बचाते हुए कहा की,"भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की मृत्यु हुई है। इस बारे में उन्हें लगता है कि जांच ठीक ढंग से नहीं हो रही है और वह धरना प्रदर्शन भी कर रहे हैं। झीरम पर पहले भी जब हम जांच कर रहे थे तब NIA ने सीधे टेकओवर कर लिया था। हमने SIT गठन किया था उसके खिलाफ वे पहले कोर्ट में भी गए थे। अभी जब इस प्रकार की और घटनाएं घटी हैं तो इस मामले में डीजी ने NIA के महानिदेशक को पत्र लिखा है कि इसकी जाँच भी NIA से ही करा लें, ताकि बीजेपी के लोग संतुष्ट हो जाएं."
सियासी तौर पर कहा जाता है कि, छत्तीसगढ़ में सत्ता की चाभी बस्तर की 12 सीटों से खुलती है, जिसमें सब पर कांग्रेस का कब्जा है, इसलिये साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने चुनावी बिगुल बस्तर से ही फूंका है। अपने नेताओं की हत्या से बीजेपी आक्रोशित है और पार्टी कार्यकर्ताओं ने इन हत्याओं के खिलाफ बस्तर में इन 12 विधानसभा सीटों पर प्रदर्शन किया और इसे बड़ी साजिश भी बताया।