भारत की स्टार, टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा ने अपने करियर में तीन महिला डबल्स और इतने ही मिक्स्ड डबल्स ग्रैंडस्लैम खिताब जीते हैं। उनके जोड़ीदार 42 वर्षीय रोहन बोपन्ना ने फ्रेंच ओपन के रूप में मिक्स्ड डबल्स का एक ग्रैंडस्लैम खिताब जीता है। सोनिया के करियर की शुरआत 2003 में खेले गए टेनिस मुक़ाबले से हुई थी।
टेनिस से सन्यास की बात सानिया मिर्ज़ा ने पहले ज़ाहिर कर दिया था कि फरवरी में दुबई में होने वाला डब्ल्यूटीए टूर्नामेंट के बाद वह टेनिस से संन्यास ले लेंगी। उन्होंने बोला था की वह उम्मीद करती है ऑस्ट्रेलियाई ओपन 2023 का ग्रैंड स्लैम ख़िताब एक बार फिर उनके हाथों में हो, ताकि वो शानदार तरीके से अलविदा ले पाए। पर उनकी यह उम्मीद में पानी फिर गया है और उनकी जोड़ी को हार का सामना करना पड़ा है। सानिया मिर्ज़ा के फैन्स को अगले महीने दुबई में होने वाला WTA टूर्नामेंट में बेहतरीन प्रदर्शन की उम्मीद है, जो उनका आखिरी प्रोफेशनल टूर्नामेंट होगा। सानिया की आंख से आंसू छलक पड़े, जब उन्होंने टेनिस से अलविदा लेने का एलान किया।
वह अपने खेल से सन्यास लेने से पहले, ऑस्ट्रेलियन ओपन में जीत हासिल करना चाहती थीं। मिक्स्ड डबल्स में सानिया और रोहन बोपन्ना, रोड लेवर एरेना में खेले गए फाइनल में लुइसा स्टेफनी और राफेल माटोस की ब्राजीलियाई जोड़ी से 6-7 (2) 2-6 से हार गई है पर, इससे पहले सानिया मिर्जा और रोहन बोपन्ना ने सेमीफाइनल में डेसिरे क्रॉसिक और नील स्कुपस्की को सेमि-फाइनल्स के मुक़ाबले में हराया था।
सानिया ने देश के ढेरों युवाओं को खेल के प्रति प्रेरित किया है। जब बोपन्ना तारीफ कर रहे थे, तब सानिया भावुक हो गईं और उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े। खुद को संभालते हुए सानिया ने माइक थामा और सभी का शुक्रिया किया। साथ ही विजेता जोड़ी को बधाई भी दी। इसके बाद उन्होंने कहा, 'मेरा प्रोफेशनल करियर मेलबर्न से ही 2005 में शुरू हुआ था। ग्रैंड स्लैम करियर को अलविदा कहने के लिए इससे अच्छी जगह हो ही नहीं सकती थी।'