उच्चतम न्यायालय के आदेश पर राम मंदिर निर्माण के लिए गठित कि गई संस्था व ट्रस्ट ने लंबी बैठक के बाद ट्रस्ट के नियम और कायदों को समर्थन दिया। जब से राम जन्मभूमि का फैसला हिन्दू समुदाय के पक्ष में आया है। तब से लोग इंतजार में है कि वो कब राम लाला के दर्शन कर पाएंगे ?
अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य जोरों सोरो से चल रहा है। राम मंदिर का कार्य 40 प्रतिशत पूरा हो चूका है। अयोध्या में राण जी के नाम कि ईटे इस्तेमाल किए जा रहे है। इस खास ईटो से मंदिर में गरमी का असर नहीं पड़े गए, जब कि इस हजारों सालों तक सुरक्षित रहेगा, साथ ही इस मंदिर को मज़बूती भी मिलेगी। गर्भ गृह में 400 से ज्यादा गुलाबी पत्थर बिछाई गई है। अयोध्या में राम भक्तो के सपना साकार हो रहे है।
अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण,ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि फैजाबाद सर्किट हाउस में, रविवार को आयोजित दो दिवसीय बैठक में ट्रस्ट के सदस्यों ने सर्वसम्मति से यह फैसला लिया कि राम जन्मभूमि परिसर में हिंदू धर्म से जुड़ी महान विभूतियों और साधु-संतों की प्रतिमाओं को भी स्थान दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि विशेषज्ञों द्वारा पेश की गई रिपोर्ट के आधार पर लगाए गए ट्रस्ट के अनुमान, मुताबिक राम मंदिर बनाने पर करीबन 1800 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
उन्होंने बताया कि इस बैठक में ट्रस्ट के 15 में, से 14 सदस्यों ने हिस्सा लिया जिनमें निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र, ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास, कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरी, उडुपी पीठाधीश्वर विश्व तीर्थ प्रसन्नाचार्य प्रमुख रूप से शामिल थे।
राम जन्मभूमि परिसर में भव्य मंदिर का निर्माण कार्य तेजी से किया जा रहा है और इसके दिसंबर 2023 तक बनकर तैयार हो जाने का अनुमान है. मंदिर में जनवरी 2024 (मकर संक्रांति) तक भगवान राम लला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा हो जाने की संभावना है।