बदरीनाथ धाम भारत के हिन्दू लोगों का एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है बद्रीनाथ धाम के विकास कार्यों को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को देर रात तक बैठक की। इस धाम के विकास कार्य तीन चरणों में पूरे किए जाएंगे। पहले चरण में 280 करोड़ रुपये खर्च किया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार यानि 21 अक्टूबर को उत्तराखंड में स्थित केदारनाथ धाम के दर्शन करने के बाद बद्रीनाथ धाम पहुंचा और पूजा-अर्चना की। पीएम मोदी देर रात तक बद्रीनाथ धाम में ही रुके और विकास कार्यों को लेकर एक बैठक भी की। ऐसा माना जा रहा है कि काशी और केदारनाथ धाम के बाद अब बद्रीनाथ धाम की भी तस्वीर बदलने वाली है।
पीएम मोदी ने अपनी इस दौरे में हिमालयी क्षेत्र में दो रोप-वे की नींव रखी। उन्होंने जनता से कहा, कि ''आपके बीच आकर मुझे दो रोप-वे प्रोजेक्ट का सौभाग्य मिला ''है। पीएम मोदी ने जिन दो रोप-वे की नींव रखी, उनमें से एक केदारनाथ रोप-वे और हेमकुंड साहिब रोप-वे शामिल है।
केदारनाथ धाम की तरह ही बद्रीनाथ धाम में भी विकास कार्यों का मास्टर प्लान तैयार किया गया है, जिसका का काम शुरू हो चुका है। केदारनाथ के पुन:निर्माण के पहले फेज में 280 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। बद्रीनाथ धाम में 'टूरिज्म अराइवल प्लाजा' का निर्माण किया जाएगा, जहां श्रद्धालुओं को रुकने के साथ कई तरह की सुविधाएं मिलेंगी। अलकनंदा नदी के किनारे एक रिवरफ्रंट भी बनाया जा रहा है, इससे मंदिर के आस-पास की खूबसूरती से इजाफा होगा और अंतरराज्यीय बस टर्मिनल बनाया जाएगा, जिससे आने वाले श्रद्धालुओं को यात्रा से जुड़ी सुविधाएं मिलेंगी।
मास्टर प्लान आखिर किसने तैयार किया ?
बद्रीनाथ धाम के विकास का प्लान गुजरात की कंपनी INI ने तैयार किया है। आपको जानकारी के अनुसार बता दे ,की धाम का विकास कार्य तीन चरणों में पूरा किया जाएगा। पीएम मोदी ने अपनी दौरे केदारनाथ और बदरीनाथ धाम की यात्रा की कुछ तस्वीरें ट्विटर पर शेयर कीं और संस्कृत में श्लोक भी लिखे है। पीएम मोदी ने इस मौके पर सेल्फ हेल्प ग्रुप की महिलाओं को संबोधित किया। उन्होंने देशवासियों से अपील की है कि जब भी कोई व्यक्ति कहीं घूमने जाए तो उस जगह की चीजों को खरीदनें में अपने यात्रा की बजट का कम से कम पांच फीसदी धन खर्च करे, इससे वहां के लोगों को रोजगार में मदद मिल सके।
आइए जानते है क्या कहा पीएम मोदी ने?
पीएम मोदी ने कहा, '' जो यात्री धाम आते हैं, जो श्रद्धा-पूजन के लिए, किसी भी तरीके से क्यों न आते हों, आप इस यात्रा में जितना खर्चा करते हैं, ट्रैवल का खर्चा, खाने का खर्चा , बड़े होटल में रहने के लिए खर्च करते है, मैं सभी 130 करोड़ देशवासियों को हिंदुस्तान के उस गांव से बता रहा हूं, जो चीन की सीमा पर भारत की रखवाली करने वाले गांव के बीच से बोल रहा हूं, मैं उनकी तरफ से बोल रहा हूं, कि आप जहां भी यात्रा पर जाएं, इस कठिन क्षेत्र में आएं या पूरा भारत घूमने जाएं या कन्याकुमारी जाएं या सोमनाथ, कहीं पर भी, एक संकल्प कीजिए आप, कि जैसे मैं वोकल फॉर लोकल की बात करता हूं न, मैं आज एक संकल्प के लिए प्रार्थना करता हूं और आपने देशवासियों को प्रार्थना करना मेरा हक बनता है,कि मैं आदेश तो नहीं दे सकता,लकिन प्रार्थना कर सकता हूं, आप जितना खर्चा करते हैं, उसमें कम से कम 5%, अगर सौ रुपये भी खर्च करते हैं तो उसमें से पांच रुपये, उस इलाके में, जो कुछ भी स्थानीय वस्तु, जो स्थानीय लोग बनाते हैं, आप उस वस्तु को जरूर खरीदिए. आपके घर में हो तो भी दूसरा लेकर जाइये, किसी को भेंट दे दीजियेगा लेकिन वहां से जरूर लेकर जाइये। आपको में विश्वास दिलाता हूं इन सारे क्षेत्रों में इतनी रोजी रोटी मिल जाएगी।''