योगी और बीजेपी की सरकार में अब लोगों पर ज़ुल्म बढ़ता जा रहा है। कुछ दिन पहले ही कानपूर देहात में हुई माँ-बेटी की मौत से लोगों में प्रशासन के प्रति नफरत बढ़ती दिखाई दे रही है। राजनीतिक दलों को भी तंज कसने में मज़ा आने लगी है। ऐसा लग रहा, जैसे मुस्लिमों के बाद अब बीजेपी ब्राह्मणों पर भी मुश्किलें जान-बूछ कर ड़ाल रही है।
अवैध ज़मीन पर बने घर को हटाने पहुंचे बुलडोज़र। आग लगने से 14 को हुआ हादसा, जिसमें माँ-बेटी की जलकर मृत्यु हो गयी। यह एक गरीब ब्राह्मण परिवार था। दोबारा, अगले दिन ही एक और हादसे ने रूप लिया, जिसमे मृत्यु तो नहीं हुई, पर बने हुए घर में आग लगाई गयी और घर अवैध ज़मीन से हटा दिया गया, वह औरत फिर से बेघर हो गयी। झोपड़ी के मालिकों ने बताया की, की यह ज़मीन सरकार ने उन्हें आवास बनाने के लिए ही दिया था।
ये सब जुल्म देखने के बाद, लोगों में आक्रोश जायज़ है। नेहा सिंह राठौर, एक लोकगायिका जिन्होंने गाने के जरिये लोगों पर हुए अत्याचार का उल्लेख किया है। 'UP में का बा' लोकगायन में उन्होंने UP प्रशासन में हो रहे कार्य को व्यक्त किया है। पहले भी उन्होंने गाने के पहले पार्ट में भी सरकार को गलत बोला था।
भाग 2 सुनने के बाद, UP सरकार को अपनी निंदा सहनीय नहीं लगी और नेहा के ससुर को आंबेडकर नगर नोटिस भेज ही दिया। जिसमें उन्होंने कानपूर देहात कांड, ब्राह्मणों पर हो रहे जुल्म पर बोला है, डीएम और प्रशासन को लेकर भी टिपडी की है। पुलिस उनके घर, दिल्ली में भी नोटिस लेकर पहुंच गयी। नोटिस में यह लिख कर भेजा गया की यह गाना लोगों में दुश्मनी और क्रूरता फैला रहा है।
प्रशासन ने नोटिस का जवाब 3 दिन के भीतर माँगा है। समाजवादी पार्टी ने बयान जारी किया की "बीजेपी आईना देखने से डरती है, इसीलिए जो भी उनकी निंदा करता है उसके पास नोटिस पहुंच जाता है।"