जोशीमठ में धसी ज़मीन, लोगों को दिया पुनर्वास केंद्र।
उत्तराखंड का ही एक शहर अब दरारों के बीच साँस ले रहा है। उत्तराखंड के केदारनाथ से 45 किलोमीटर के फासले में बसे इस इलाके में न जाने क्यों ज़मीन फटने लगी है। कहीं कहीं सड़कों में फटन के साथ पानी निकलता दिखाई दे रहा है। 600 से ज्यादा घरो की ज़मीन धसने लगी हैं। परिवारों को रहने में किसी तरह की परेशानी न हो, इसलिए वहां के CM पुष्कर सिंह धामी ने अपने प्रशासन को आदेश देकर, प्रभावित परिवारों को 6 -6 महीनों का किराया देने का ऐलान किया है। हालांकि, लोगों को अभी के लिए घरों से ले जाकर सुरक्षित स्थानों पर पहुँचा दिया गया है।
600 में से,100 ऐसे घर हैं जिनकी ज़मीन कभी भी खिसक सकती है। प्रशासन ने इस वक़्त के लिए सभी बड़ी योजनाओं के निर्माण को ठहराव देने को कहा है। CM पुष्कर सिंह धामी शनिवार यानि आज, प्रभावित इलाको की जाँच लेने और प्रभावित लोगों से मिलाप करने आए। साथ ही धामी ने चिंताग्रस्त, उच्च स्तरीय मंत्रियों की बैठक भी बुलाई। जानकारी के मुताबिक सीएम ने बैठक में कहा कि "तत्काल सुरक्षित स्थान पर एक बड़ा अस्थायी पुनर्वास केंद्र बनाया जाए। जोशीमठ में सेक्टर और जोनल वार योजना बनाई जाए। तत्काल डेंजर जोन को खाली करवाया जाए और आपदा कंट्रोल रूम एक्टिवेट किया जाए।" इसके बाद अधिकारी कार्रवाई में जुट गए हैं।
जोशीमठ में गांधीग्राम और रविग्राम वार्डो में स्थिति काफी ज्यादा प्रभावित, क्षतिग्रस्त बताया जा रहा है। आदेश दिए गए हैं कि लोगों के लिए अस्थायी पुनर्वास केंद्र बनाया जाए। जिला प्रशासन ने प्रभावित परिवारों के ठहरने के लिए 1271 लोगों की क्षमता वाले 229 कमरों की पहचान की है। मालूम हो कि जोशीमठ भू-धंसाव के कारण शुक्रवार को पहला बड़ा हादसा हुआ था। सिंहधार वार्ड में दरारें आने से भगवती मंदिर ढह गया।