2013 का एक केस, जिसकी आग को उसका अंजाम मिल चूका है। आशाराम बापू को सभी बखूबी "भक्त बाबा" के रूप में जानते थे। करोड़ों भक्त उनकी ग़ुलामी करने को भी त्यार हैं, ताकि उन तक जाने का मौका ही मिल जाए। लोगों के परम गुरु आशाराम पर 2013 में सूरत की 2 लड़कियों ने उनपर बलात्कार होने का आरोप लगया था। सिर्फ वही नहीं, उनके बेटे नारायण साईं पर भी FIR दर्ज हुई थी, ये FIR लड़की की छोटी बेहेन ने अपनी बड़ी बहन के साथ ही दर्ज कराइ थी। थाना पुलिस ने आसाराम बापू और उनके बेटे नारायण साईं सहित 8 लोगों के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था।
बहनों ने आसाराम और उनके बेटे के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि 1997 से 2006 के बीच आसाराम और उनके बेटे द्वारा संचालित मोटेरा आश्रम में उनके साथ दुष्कर्म किया गया था।
मंगलवार यानी कि 31 जनवरी, गुजरात के गांधीनगर की एक अदालत ने आसाराम बापू को 2013 में दर्ज एक शिष्या से दुष्कर्म के मामले में दोषी ठहराते हुए उम्र कैद की सजा दी है, साथ ही कोर्ट ने पीड़िता को 50 हजार का मुआवजा देने का आदेश दिया है। वैसे इस घिनौने काम के लिए उन्हें जेल की सलाखों के पीछे दाल दिया गया था। हालांकि, कोर्ट ने कोई सजा का एलान नहीं किया था। कोर्ट ने आज उस सजा का एलान कर दिया है। बता दें कि आसाराम बापू अभी भी जोधपुर जेल में बंद हैं। कोर्ट ने आसाराम को उम्रकैद की सजा सुनाई है।