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जोशीमठ की हालत के बाद, अहमदाबाद को भी डूबते और धसते हुए देखा जा सकता है।

जोशीमठ के हालात बद से भी बत्तर होते जा रहे है, यह सभी को पता होगा,इसी बीच बड़ी खबर सामने आयी है, ISRO की तरफ से जाँच करने पर एक पत्रिका जारी की गयी है जिसमे बताया है की जोशीमठ के बाद, अहमदाबाद को भी डूबते और धसते हुए उनके उपग्रह ने देखा है।
By: MGB Desk
| 17 Jan, 2023 3:00 pm

खास बातें
  • जोशीमठ की हालत के बाद, अहमदाबाद को भी डूबते और धसते हुए देखा जा सकता है।
  • समुद्री तटों के किनारे बसे इलाके डूबेंगे या धंस जाएंगे।
  • इसका कारण बढ़ता समुद्री जलस्तर, घटता भूजल स्तर, बदलता जलवायु और समुद्री कटाव (Sea Erosion) की वजह से धंस जाएंगे या डूब सकते हैं।
  • हर साल 12-22 mm ज़मीन धसने की वजह से विलिप्त हो रही है।

लोगों का प्रकृति से खिलवाड़ आम बात हो गयी है। या बोल सकते हैं हमारी ज़रूरतों के लिए हमने हमारे श्रोत को नष्ट करने का काम चालू कर दिया है। ये बात बिलकुल सच है की, जब-जब इंसानों ने प्रकृति को नष्ट किया या नुकसान पहुंचाया उसी समय मनुष्य को पृथ्वी की मार सहनी पड़ी है। चाहे, फिर वो बीमारी के रूप में आये या, किसी जलवायु आपदा का चोला ओढ़ कर, नुकसान की भरपाई तो इंसान को ही करनी पड़ती है।

पहाड़ी इलाके धंसेंगे तो समुद्री तटों के किनारे बसे इलाके डूबेंगे या धंस जाएंगे। जोशीमठ की हालत बद से भी बत्तर होते जा रहे है, यह सभी को पता होगा,इसी बीच बड़ी खबर सामने आयी है, ISRO की तरफ से जाँच करने पर एक पत्रिका जारी की गयी है जिसमे बताया है की जोशीमठ के बाद, अहमदाबाद को भी डूबते और धसते हुए उनके उपग्रह ने देखा है। वैज्ञानिकों का कहना है की, इसका कारण बढ़ता समुद्री जलस्तर, घटता भूजल स्तर, बदलता जलवायु और समुद्री कटाव (Sea Erosion) की वजह से धंस जाएंगे या डूब सकते हैं। अहमदाबाद, गुजरात के कई तटिय इलाके और हर साल 12-25 mm ज़मीन धसने की वजह से विलिप्त हो रही है इसकी वजह अहमदाबाद के निवासी हैं, जो भूजल का इस्तेमाल कर है। वैज्ञानिकों ने अहमदाबाद प्रशासन को लोगों तक स्तरीय जल पहुंचाने की मांग की है। उन्होंने वहां की जनता को भी साथ में समस्या समझने और भूजल स्तर को बढ़ाने में मदद करने को कहा है।

इसरो स्पेस एप्लीकेशन सेंटर के साइंटिस्ट रथीश रामकृष्णन और उनके साथियों ने मिलकर रिसर्च पेपर निकाला। जिसका नाम है- 'Shoreline Change Atlas of the Indian Coast- Gujarat- Diu & Daman' है। इसमें बताया गया है कि गुजरात का 1052 किलोमीटर लंबा तट स्टेबल है। 110 किलोमीटर का तट कट रहा है। 49 किलोमीटर के तट पर यह ज्यादा तेजी से हो रहा है।   

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