करीब 6-7 महीने से सीबीआई लगातार ही दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया पर शिकंजा कसे हुए थी। 19 अगस्त 2022 को सीबीआई ने उनके घर पर पहला छापा मारा था। यह कार्रवाई करीब 5 से 6 घंटे चली थी। तब उन्होंने खुद बताया था कि 'उनके घर पर सीबीआई आई है, उनका स्वागत है। हम ईमानदार हैं। लाखों बच्चों के भविष्य का सवाल है।'
मामला शांत होता नजर आ ही रहा था कि सीबीआई ने 19 फरवरी 2023 को पूछताछ के लिए उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को समन जारी कर दिया। इसपर दिल्ली बजट का हवाला देते हुए सिसोदिया ने समय मांगा और फरवरी के आखिर में कभी भी बुलाने को कहा। धारा 7 (भ्रष्टाचार निरोधक कानून), धारा IPC 120 B (आपराधिक साजिश), सिसोदिया के खिलाफ धारा IPC 477 A (धोखाधड़ी का इरादा) के तहत भी कार्रवाई की जाएगी।
मामले में सीबीआई ने उनके खिलाफ पहले भी कई बार सख्त कदम लिए, उनके घर पर छानबीन की, उनके बैंक खतों की पड़ताल की, उनसे करीब 8 घंटे पूछ्ताछ की और 26 फ़रवरी को, दिल्ली शराब घोटाला केस में सीबीआई ने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तारी के खिलाफ आम आदमी पार्टी के तमाम नेता और कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
दिल्ली के डिप्टी सीएम की गिरफ्तारी के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) ने ट्वीट कर लिखा, 'यह लोकतंत्र के लिए काला दिन।' वहीं आप सांसद संजय सिंह (Sanjay Singh) ने ट्वीट कर कहा, 'मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी तानाशाही की इंतेहा है। आपने एक नेक इंसान और सर्वश्रेष्ठ शिक्षा मंत्री को गिरफ्तार करके अच्छा नही किया मोदी, भगवान भी आपको माफ नहीं करेगा। एक दिन आपकी तानाशाही का अंत जरूर होगा मोदी.'