भारत के लखनऊ में जय प्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर (जेपीएनआईसी) का उद्घाटन और निर्माण उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के कार्यकाल के दौरान ही किया गया था। यह उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्वपूर्ण योजना थी, और अखिलेश यादव ने इसके विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। केंद्र का उद्घाटन मार्च 2016 में किया गया था, और तब से यह क्षेत्र में शैक्षणिक, सांस्कृतिक और अनुसंधान गतिविधियों के लिए एक प्रमुख संस्थान बन गया है।
समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को बुधवार को लखनऊ के जय प्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर में प्रवेश नहीं दिया गया। अंदर जाने का रास्ता लोहे की टीन से चारों तरफ से बंद कर दिया गया था ताकि कोई भी पार न कर पाए। सपा के नेता अखिलेश यादव प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी, आपातकालीन विचारक और समाजसेवक, जयप्रकाश नारायण को उनकी जयंती के अवसर पर श्रद्धांजलि अर्पित करने गए थे। उनका जन्मदिवस 11 अक्टूबर को हर साल मनाया जाता है, भले ही युवा वर्ग को इस बारे में पता न हो।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, ''महान समाजवादी, लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी की जयंती पर क्या सपा को पुष्पांजलि अर्पित करने से रोकने के लिए टिन की चादर बिछाकर जेपीएनआईसी का रास्ता रोका जा रहा है... सच तो यह है कि लोकनायक जयप्रकाश जी द्वारा भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और महंगाई के खिलाफ शुरू किए गए आंदोलन की याद को दोहराने से भाजपा डरती है क्योंकि भाजपा के शासनकाल में भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और महंगाई तब से कई गुना अधिक है।"
उन्होंने भाजपा की इस चाल पर कहा, "क्या अब हमें माला पहनाने के लिए भी जयप्रकाश नारायण जी की तरह 'संपूर्ण क्रांति' का आह्वान करना पड़ेगा? अगर यह भाजपा का फैसला है तो ठीक है।" सेंटर का रास्ता बंद करने का कारण सुरक्षा व्यवस्था बताया गया था। रास्ता बंद देखने पर अखिलेश यादव ने टीन लांगने का सोचा और अमल किया, उनके पीछे कई लोगों ने उनकी मदद और सहराहना की।