भारत की लवलीना बोरगोहेन ने भी लिखा इतिहास, 4 अक्टूबर,को चीन के हांगज़ोउ में हो रहे 2023 एशियाई खेलों में महिला 75 किग्रा मुक्केबाजी प्रतियोगिता में रजत पदक जीता। टोक्यो ओलंपिक में ऐतिहासिक पदक जीतने वाली बोरगोहेन एशियाई खेलों के फाइनल में ली किआन से फैसले से हार गईं।
लवलीना ने सेमीफाइनल में थाईलैंड की बायसन मानेकोन पर शानदार जीत दर्ज किया और सबकी सहमति से मुकाबले में जीत हासिल किया। उन्हें पेरिस में 2024 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक के लिए ओलंपिक कोटा भी मिला। मैरी कॉम, गीता फोगाट जैसे तमाम पहलवानों के बाद अब, लवलीना बोरगोहेन गोलाघाट, असम की रहने वाली एक खेल प्राथमिक परिवार से हैं, और उनके पिता, टिकेन बोरगोहेन एक पूर्व फुटबॉल खिलाड़ी थे। लवलीना ने मुक्केबाजी में जाने से पहले एक किकबॉक्सर के रूप में अपनी एथलेटिक यात्रा शुरू की।
एशियाई गेम्स 2023, में लवलीना ने एक बार फिर से टोक्यो के बाद चीन के हांगज़ोउ में पदक अपने नाम किया। चीन की पहलवान ली किआन से फाइनल्स में 0-5 से चुकीं, पर अपने नाम रजत पदक करके ही मानी। हालाँकि, सेमि-फाइनल्स में लवलीना ने बाज़ी मार ही लिया था।
लवलीना के करियर में महत्वपूर्ण क्षणों में से एक, 2018 में आया जब उन्होंने नई दिल्ली, भारत में आयोजित एआईबीए (AIBA) महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता। इस जीत ने उन्हें राष्ट्रीय पहचान दिलाई और उन्हें भारत के उभरते मुक्केबाज़ सितारों में से एक के रूप में चिह्नित
किया।